रैनसमवेयर वायरस क्या है? ransomware virus kya hai.

रैनसमवेयर वायरस क्या है?

रैनसमवेयर वायरस एक प्रकार का दोषपूर्ण सॉफ्टवेयर (software) होता है। जिसका संचालन हैकर्स (hackers) द्वारा किया जाता है। दरअसल, ये  हैकर्स (hackers) दोषपूर्ण सॉफ्टवेयर (software) को कंप्यूटरीकृत प्रणाली के ब्लॉकिंग एक्सेस के साथ जोड़ देते हैं।
हैकर्स द्वारा निर्मित किया जाने वाला यह सॉफ्टवेयर यदि किसी भी प्रकार से उपभोक्ता (users) के कंप्यूटर अथवा अन्य किसी भी प्रकार की डिवाइस (device) में डाउनलोड (download) हो गया तो इसके प्रभाव में आने वाले कंप्यूटर अथवा डिवाइस से ज़रूरी दस्तावेज़ (documents), फाइल्स (files), फोटोज़ (photos) अथवा वीडियोज़ (videos) आदि ब्लॉक (block) हो जाते हैं. ब्लॉक की गई इन फाइलों को रिकवर करने के लिये हैकर्स द्वारा एक बड़ी राशि की मांग की जाती है। इस राशि का भुगतान न करने की स्थिति में फाइलों को नष्ट करने या सार्वजनिक कर देने की धमकी दी जाती है। तय की गई रैनसम राशि का भुगतान आभासी अथवा डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन (bitcoin) में ही मान्य होता है।
रैनसमवेयर वायरस क्या है?

प्रकार

रैनसमवेयर वायरस मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।
  1. लॉकर रैनसमवेयर (Locker ransomware)
  2. क्रिप्टो रैनसमवेयर (Crypto ransomware)
  3. मैक रैनसमवेयर (Mac ransomware)

1. लॉकर रैनसमवेयर (Locker Ramsomware)

लॉकर रैनसमवेयर का एक प्रमुख  प्रकार रेवेटन (Reveton) रैनसमवेयर हैं। ये रैनसमवेयर सामान्यतः अधिकाधिक सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रेषित होते हैं। जो उपभोक्ता के सॉफ्टवेयर पाइरेसी जैसे अवैध कार्यों में संलग्न होने पर जुर्माना वसूलते हैं।


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2. क्रिप्टो रैनसमवेयर (crypto ramsomware)

क्रिप्टो रैनसमवेयर के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं। 

क्रिप्टो लॉकर, क्रिप्टोवॉल, सीटीबी-लॉकर,टोरेन्ट लॉकर, बिटक्रिप्टर, क्वाइन वाउल्ट, टेस्ला क्रिप्ट, लॉकी तथा वॉना क्राई आदि।
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3. मैक रैनसमवेयर (Mac Ransomware)

रैनसमवेयर वायरस का एक और प्रकार मैक रैनसमवेयर है, जिसका उप-प्रकार है- केरेन्जर। हाल ही में इन सभी प्रकार के रैनसमवेयर वायरसों में वॉना क्राई नामक वायरस का प्रभाव सबसे अधिक था।

रैनसमवेयर वायरस से कैसे बचें

इससे बचने के लिये हमें अपने सिस्टम (system) को अपडेट (update) करते रहना चाहिए। हमेशा विश्वसनीय वेबसाइट (website) का ही इस्तेमाल करना चहिये। अनजान (unknown) सॉफ्टवेयर (software) को हमें अपने सिस्टम(system) में इंस्टॉल (install) करने से बचना चाहिये। हमें अपने ज़रूरी दस्तावेजों को निजी ऑफलाइन (offline) रखना चाहिए।

अन्य

इस वायरस (Virus) ने अब तक विश्व के 150 देशों के लगभग 230,000 कम्प्यूटरों को प्रभावित किया है।


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