Components of Communication process in Hindi संचार प्रक्रिया के तत्त्व

Components of Communication process in Hindi संचार प्रक्रिया के तत्त्व

संचार प्रक्रिया के कई तत्त्व हैं जैसे — प्रेषक, प्राप्तकर्ता, प्रतिक्रिया इत्यादि।
यहाँ हम संचार प्रक्रिया के सभी तत्त्वों को विस्तार से जानेंगे —
Components of Communication process
Components of Communication process

प्रेषक (Sender)

यह संचार प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है क्योंकि इसके बिना संचार प्रारंभ नहीं किया जा सकता। संचार प्रक्रिया में जो व्यक्ति संदेश या सूचना प्रेषित (Send) करता है उसे ही प्रेषक (Sender) कहते हैं।

संदेश या सूचना (Message or Information)

संचार प्रक्रिया में जो बात प्रेषक के द्वारा प्रेषित (Send) किया जाता है उसे ही हम Message या Information कहते हैं।

कूट लेखन (Encoding)

सूचना या संदेश को किसी विशेष प्रकार से लिखने की प्रक्रिया को कूट लेखन (Encoding) कहते हैं। कूट लेखन इसलिए किया जाता है ताकि मैसेज को सुरक्षित रूप से भेजा और प्राप्त किया जा सके।
कुछ कूट लेखन के उदाहरण —
  • Morse code
  • ASCII (American Standard Code for Information Interchange)
  • Unicode

संचार माध्यम (Communication Medium/Channel)

संचार प्रक्रिया में हम सूचना या संदेश के आदान-प्रदान के लिए जिस स्रोत का प्रयोग करते हैं उसे हम संचार माध्यम या Communication Channel कहते हैं।

प्राप्तकर्ता (Receiver)

संचार प्रक्रिया में जो व्यक्ति संदेश को प्राप्त और decode करता है उसे हम संदेश प्राप्तकर्ता या Receiver कहते हैं। संदेश प्राप्तकर्ता को कूटवाचक (Decoder) भी कहा जाता है।

कूट वाचन (Decoding)

संचार प्रक्रिया में प्रेषक के द्वारा encode किये गए मैसेज को समझने लायक बनाने की प्रक्रिया को कूट वाचन (Decoding) कहते हैं।

प्रतिपुष्टि (Feedback)

संचार प्रक्रिया में प्रतिपुष्टि उसे कहते हैं जब प्रतिक्रिया को संदेश प्राप्तकर्ता के द्वारा अभिव्यक्त और प्रेषक के द्वारा ग्रहण किया जाता है। सफल संचार के लिए Feedback आवश्यक है क्योंकि Feedback से ही प्रेषक को पता चलता है कि संदेश प्राप्तकर्ता को संदेश कैसे और किस प्रारूप में मिला।
Feedback से प्रेषक को कई चीजें पता चलती हैं —
  • प्राप्तकर्ता को संदेश या सूचना कैसे मिला।
  • संदेश या सूचना में कोई बाधा तो नहीं हुई।
  • संदेश में कोई सुधार करने की आवश्यकता है या नहीं।
  • संदेश को सरल और बेहतर कैसे बनाया जाए।
  • संदेश या सूचना पूर्ण है अथवा नहीं इत्यादि।

शोर (Noise)

संचार प्रक्रिया में शोर (Noise) उसे कहते हैं जो संचार में बाधा डालता है। शोर, संचार प्रक्रिया के लिए कोई महत्वपूर्ण तत्व नहीं है। फिर भी यह संचार प्रक्रिया में मौजूद होता है और संचार को प्रभावित करता है। 
शोर कई प्रकार के होते हैं —
  • बात करते समय कोलाहल का होना।
  • फ़ोन में बात करते समय खराब नेटवर्क का होना इत्यादि।

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