उदासीनता वक्र की विशेषताएं
"उदासीनता वक्र विश्लेषण में संतुलन की अवस्था में किसी परिवर्तन का इच्छुक नहीं होता।"
इसका मतलब यह है कि उपभोक्ता उन सभी संयोजनों से समान रूप से संतुष्ट रहता है जो उदासीनता वक्र पर स्थित होते हैं।
उदासीनता वक्र की विशेषताएँ |
उदासीनता वक्र की विशेषताएँ:
- उदासीनता वक्र कभी एक दूसरे को नहीं काटते: उदासीनता वक्र एक दूसरे को कभी नहीं काटते। इसका कारण यह है कि अगर वे एक दूसरे को काटते हैं, तो इसका मतलब होगा कि एक ही बिंदु पर दो अलग-अलग संतोष स्तर हैं, जो असंभव है।
उदासीनता वक्र एक दूसरे को कभी नहीं काटती - वरीयता क्रम को दर्शाना: उदासीनता वक्र केवल तभी वरीयता क्रम को दर्शाते हैं जब उपभोक्ता की आदतें और रुचियाँ स्थिर रहती हैं। यदि उपभोक्ता की वरीयताओं में कोई परिवर्तन होता है, तो उदासीनता वक्र भी बदल सकते हैं।
- पूर्ण प्रतियोगिता बाजार: यह सिद्धांत पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में ही संभव होता है, जहां वस्तुओं की कीमतें स्थिर रहती हैं और कोई बाहरी प्रभाव नहीं होता।
- दोनों वस्तुओं की कीमत स्थिर होने पर ही यह संभव है।
- विवेकशील उपभोक्ता: इस विश्लेषण में उपभोक्ता को विवेकशील प्राणी माना जाता है, जिसका अर्थ है कि उपभोक्ता अपने संतोष स्तर को अधिकतम करने की कोशिश करता है।
- मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर: उदासीनता वक्र सदैव मूल बिंदु की ओर उन्नतोदर होता है। इसका अर्थ यह है कि उपभोक्ता हमेशा अपनी संतुष्टि को अधिकतम करने के लिए वस्तुओं के संयोजन की ओर बढ़ता है।
- बाएँ से दायें, नीचे की ओर गिरता है: उदासीनता वक्र बाएँ से दायें, नीचे की ओर गिरता है। इसका मतलब यह है कि जैसे-जैसे एक वस्तु की मात्रा बढ़ती है, दूसरी वस्तु की मात्रा घटती है ताकि संतुष्टि का स्तर समान रहे।
- कभी लंबवत नहीं होता: उदासीनता वक्र कभी भी लंबवत नहीं होता। लंबवत वक्र यह दर्शाएगा कि उपभोक्ता किसी एक वस्तु की मात्रा में वृद्धि के साथ संतुष्टि के स्तर में कोई परिवर्तन नहीं महसूस करता, जो असंभव है।
- क्षैतिज भी नहीं होता: उदासीनता वक्र क्षैतिज भी नहीं होता। क्षैतिज वक्र यह दर्शाएगा कि उपभोक्ता दूसरी वस्तु की किसी भी मात्रा में वृद्धि के साथ संतुष्टि के स्तर में कोई परिवर्तन नहीं महसूस करता, जो वास्तविकता के विपरीत है।
- समान संतुष्टि के बिंदु: उदासीनता वक्र (Indifference curve) के सभी बिंदुओं पर उपभोक्ता को समान संतुष्टि प्राप्त होती है। इसका मतलब यह है कि किसी भी बिंदु पर उपभोक्ता की संतुष्टि का स्तर एक जैसा होता है, भले ही वस्तुओं का संयोजन अलग-अलग हो।