वैज्ञानिक नाम क्या है? vaigyanik naam kya hai.
वैज्ञानिक नाम, वानस्पतिक नाम या द्विपद नामकरण पद्धति, जीव-जन्तुओं और वनस्पतियों के नामकरण की एक पद्धति है।
जिसमें किसी वनस्पति या जीव का नामकरण करने के लिए वंश को पहले तथा दूसरा जाति को लिया जाता है।
यहाँ हम वैज्ञानिक नाम के बारे में विस्तार से जानेंगे —
- वैज्ञानिक नाम या द्विपद नामकरण पद्धति क्या है?
- इसे 'द्विपद नामकरण पद्धति' क्यों कहा जाता है?
- द्विपद नामकरण पद्धति किसने दिया?
- किसी वनस्पति या जीव का वैज्ञानिक नाम कैसे रखा जाता है?
- द्विपद नामकरण पद्धति की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- वैज्ञानिक नाम के लाभ
- कुछ वनस्पतियों और जीवों के वैज्ञानिक नाम
वैज्ञानिक नाम क्या है? |
1. वैज्ञानिक नाम या द्विपद नामकरण पद्धति क्या है?
वैज्ञानिक नाम या द्विपद नामकरण पद्धति एक ऐसी पद्धति है जिसमें वनस्पति और जीवों का नामकरण एक विशेष तरीके से किया जाता है, जिससे कि जीवों का वर्गीकरण आसान हो सके और अध्ययन में भी आसानी हो।
वैज्ञानिक नाम (Botanical name) को द्विपद नामकरण पद्धति के नाम से भी जाना जाता है।
2. इसे 'द्विपद नामकरण पद्धति' क्यों कहा जाता है?
वैज्ञानिक नाम को 'द्विपद नामकरण पद्धति' इसलिए कहा जाता है क्योंकि, इसमें किसी वनस्पति या जीवों के नाम को जीव के वंश और जाति (Species) से लिखा जाता है जिसमें से पहले जीव के वंश को लिखा जाता है और दूसरे में जीव के जाति को लिखा जाता है।
3. द्विपद नामकरण पद्धति किसने दिया?
द्विपद नामकरण पद्धति की अवधारणा सबसे पहले कैरोलस लीनियस ने रखी थी।
कैरोलस लीनियस जिन्हे कार्ल लीनियस, कार्ल वॉन लिने, Carl Linnaeus या Carl von Linné के नाम से जाना जाता है वे एक वनस्पतिशास्त्री, चिकित्सक और जीव विज्ञानी थे। इन्हें आधुनिक वर्गिकी (वर्गीकरण) के पिता के रूप में जाना जाता है।
4. किसी वनस्पति या जीव का वैज्ञानिक नाम कैसे रखा जाता है?
किसी जीव या वनस्पति का वैज्ञानिक नाम रखने के लिए उस जीव के वंश (genus) को पहले तथा उसके जाति (Species) को बाद में लिखा जाता है और उसका नामकरण किया जाता है। उसके साथ ही वैज्ञानिक नाम रखते समय हमेशा वंश को पहले और जाति को बाद में रखा जाता है।
वंश (genus) के पहले अक्षर को अंग्रेजी के बड़े अक्षर में लिखा जाता है जबकि जाति के सभी अक्षरों को अंग्रेजी के छोटे अक्षरों में लिखा जाता है।
हमेशा वैज्ञानिक नाम को तिरक्षे अक्षरों या underline के साथ लिखा जाता है।
वैज्ञानिक नाम रखने और लिखते समय इन बातों को ध्यान दिया जाता है —
- वैज्ञानिक नाम में पहले जीव का वंश (genus) होता है।
- वैज्ञानिक नाम में दूसरा जीव का जाति होता है।
- वैज्ञानिक नाम हमेशा जीव के वंश और जाति से मिलकर बना होता है इसलिए इसे द्विपद नामकरण पद्धति भी कहा जाता है।
- वंश (genus) के नाम का पहला अक्षर अंग्रजी के बड़े अक्षरों में लिखा जाता है।
- जाति (Species) के नाम को अंग्रेजी के छोटे अक्षरों में लिखा जाता है।
- हमेशा वैज्ञानिक नाम को तिरक्षे अक्षरों या underline के साथ लिखा जाता है।
5. द्विपद नामकरण पद्धति की आवश्यकता क्यों पड़ी?
समय के साथ हमने अनेक जीवों और वनस्पतियों का अध्ययन किया लेकिन कुछ जैसे-जैसे हम और अधिक जीवों का अध्ययन करते गए उनके प्रकारों को जानते गए जिसके कारण जीवों और वनस्पतियों का अध्ययन जटिल होता गया।
जीवों और वनस्पतियों के अध्ययन को आसान बनाने और बनाए रखने के लिए जीवों का वर्गीकरण और नामकरण किया गया।
6. वैज्ञानिक नाम के लाभ
वैज्ञानिक नाम या द्विपद नामकरण पद्धति के कई लाभ हैं —
- जीवों के वर्गीकरण में आसानी होती है।
- अध्ययन में आसानी होती है।
7. कुछ वनस्पतियों और जीवों के वैज्ञानिक नाम
यहाँ कुछ वनस्पतियों और जीवों के वैज्ञानिक नामों का दिया गया है —
कुछ जीवों और वनस्पतियों के वैज्ञानिक नाम | ||
---|---|---|
क्र. | वनस्पति या जीवों के नाम | वैज्ञानिक नाम |
1. | मनुष्य | होमो सेपियन्स |
2. | Lion | Panthera leo |
3. | बाघ (Tiger) | Panthera Tigris |
4. | Frog | राना टिग्रिना |
5. | नीम | Azadirachta indica |
6. | कुत्ता | कैनिस ल्यूपस फैमिलियर्स (Canis lupus familiaris) |
7. | कमल | Nelumbo nucifera |
8. | बकरी | Capra aegagrus hircus |
9. | गाय | Bos taurus |
10. | मटर | Pisum sativum |
11. | पहाड़ी मैना | Gracula religiosa |
12. | वन भैंसा | Bubalus arnee |