प्रत्यक्ष कर के गुण

प्रत्यक्ष कर वह कर है जिसका भुगतान वास्तव में उसी व्यक्ति के द्वारा किया जाता है जिस पर यह क़ानूनी तौर से लगाया जाता है।

प्रत्यक्ष कर (Direct tax) के गुण निम्न हैं:

  1. कर का भार एवं कर का दायित्व एक ही व्यक्ति का होता है: प्रत्यक्ष कर में कर का भार और दायित्व उस व्यक्ति का होता है जिस पर कर लगाया जाता है। यह कर अन्य किसी पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।
  2. प्रगतिशील कर: प्रत्यक्ष कर सामान्यतः प्रगतिशील होते हैं। इसका मतलब यह है कि उच्च आय वाले व्यक्तियों पर अधिक कर दरें लागू होती हैं, जबकि निम्न आय वाले व्यक्तियों पर कम कर दरें।
  3. कर भार का स्थायित्व: प्रत्यक्ष कर का भार दूसरों पर टाला नहीं जा सकता। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति पर आयकर लगाया जाता है, तो वह इसे अन्य किसी पर नहीं डाल सकता।
  4. उदाहरण: प्रत्यक्ष कर के अंतर्गत प्रमुख रूप से आयकर, निगम लाभ का कर (कॉरपोरेट टैक्स) इत्यादि आते हैं। ये कर सीधे व्यक्ति या संस्था की आय और लाभ पर लगाए जाते हैं।
  5. समानता को बढ़ावा: प्रत्यक्ष कर उसी व्यक्ति पर लगाया जाता है जो इसके दायरे में आता है, इसलिए प्रत्यक्ष कर समानता को बढ़ावा देता है। सभी व्यक्तियों को उनकी आय के अनुसार कर चुकाना पड़ता है, जिससे समाज में आर्थिक समानता बढ़ती है।
  6. आर्थिक समानता में वृद्धि: चूंकि प्रत्यक्ष कर उन्हीं व्यक्तियों पर लगाया जाता है जो इसे चुका सकते हैं, इसलिए इससे आर्थिक समानता में वृद्धि होती है। यह कर प्रणाली समाज में धन के पुनर्वितरण का काम करती है, जिससे गरीब और अमीर के बीच का अंतर कम होता है।
  7. लोच का गुण: प्रत्यक्ष कर में लोच का गुण पाया जाता है जिसके कारण इससे आपको कभी भी आर्थिक बोझ नहीं होता। प्रत्यक्ष कर में आपको आपकी आय का कुछ भाग ही देना होता है। यदि आपकी आय कम है तो कम कर का भुगतान और अधिक आय होने पर अधिक कर का भुगतान करना होता है।

प्रत्यक्ष कर के अतिरिक्त लाभ

  • आय का पारदर्शिता: प्रत्यक्ष कर प्रणाली में करदाताओं को अपनी आय और लाभ को पारदर्शी रूप से घोषित करना होता है। इससे आय के स्रोत और कर की देयता में पारदर्शिता बनी रहती है।
  • सरकारी राजस्व में वृद्धि: प्रत्यक्ष कर से सरकार को स्थिर और सुनिश्चित राजस्व प्राप्त होता है। यह राजस्व सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के वित्तपोषण में सहायक होता है।
  • कर अनुपालन को बढ़ावा: प्रत्यक्ष कर प्रणाली, कर अनुपालन को बढ़ावा देती है। करदाताओं को अपनी आय और लाभ को सही तरीके से रिपोर्ट करना होता है, जिससे कर चोरी की संभावना कम होती है।
  • सामाजिक न्याय: प्रत्यक्ष कर प्रणाली सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है। उच्च आय वाले व्यक्तियों से अधिक कर वसूल कर इसे समाज के वंचित वर्गों की भलाई में उपयोग किया जाता है।
  • लचीला कर प्रणाली: प्रत्यक्ष कर प्रणाली लचीली होती है। सरकार अपनी आवश्यकता के अनुसार कर दरों में परिवर्तन कर सकती है, जिससे राजस्व संग्रहण में संतुलन बना रहता है।
प्रत्यक्ष कर प्रणाली के इन गुणों और लाभों के कारण इसे एक प्रभावी और न्यायसंगत कर प्रणाली माना जाता है। यह प्रणाली न केवल आर्थिक समानता को बढ़ावा देती है, बल्कि सरकारी राजस्व में स्थिरता और पारदर्शिता भी बनाए रखती है।

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